दिवाली पार्टी बना विवाद का कारण

Neha Mehta | 09 Oct 2025 दिवाली पार्टी बना विवाद का कारण

नई दिल्ली: दिवाली का त्योहार खुशियों का प्रतीक है, लेकिन एक कंपनी की ऑफिस दिवाली पार्टी अब सोशल मीडिया पर विवाद का कारण बन गई है।
एक व्हाट्सएप स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है, जिसमें कंपनी ने कर्मचारियों से कहा है कि वे दिवाली पार्टी के लिए कंट्रीब्यूशन देना अनिवार्य है।

कंपनी के मैसेज के मुताबिक—

  • हर कर्मचारी को ₹1200 देने होंगे

  • टीम लीडर्स को ₹2000 देने होंगे

  • और पार्टी में 100% अटेंडेंस जरूरी है

इस मैसेज के सामने आने के बाद लोग गुस्से में हैं और सवाल उठा रहे हैं कि “क्या ऑफिस पार्टी के लिए जबरन पैसे वसूलना सही है?”


कर्मचारियों की नाराजगी

Reddit और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर यूजर्स ने इस पर जमकर प्रतिक्रिया दी।
एक यूजर ने लिखा,

“अगर आपकी कंपनी व्हाट्सएप पर ऑफिस के फैसले लेती है, तो वह आपकी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ की सीमा मिटा रही है।”

दूसरे यूजर ने सवाल उठाया,

“क्यों किसी इवेंट में अटेंड करना मैंडेटरी होना चाहिए? क्या यह स्वेच्छा से नहीं होना चाहिए?”

कई लोगों ने कहा कि कंपनी का यह रवैया कर्मचारियों के लिए दबाव पैदा करता है और त्योहार की खुशी को खत्म कर देता है।


जब त्योहार बन जाए बोझ

त्योहारों पर कंपनियां आमतौर पर कर्मचारियों को बोनस या गिफ्ट देती हैं, ताकि उनका मनोबल बढ़े।
लेकिन जब कंपनी उसी मौके पर कर्मचारियों से पैसे मांगे, तो यह बात लोगों को अखरती है।

कई यूजर्स ने कहा कि अगर कंपनी को पार्टी करनी है तो खर्च कंपनी को ही उठाना चाहिए, कर्मचारियों पर नहीं डालना चाहिए।
त्योहार खुशी का समय है, न कि “फीस देने” का।


कंपनी की चुप्पी और ऑनलाइन बहस

अब तक कंपनी की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
हालांकि यह मामला ऑफिस कल्चर और कर्मचारी अधिकारों पर बड़ी बहस छेड़ चुका है —
क्या कंपनी के आयोजनों में पैसे देना अनिवार्य किया जा सकता है?

यह घटना बताती है कि कॉर्पोरेट कल्चर में “मैंडेटरी एंजॉयमेंट” जैसा दबाव आज भी एक असली समस्या है।


अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

प्र.1: विवाद किस वजह से हुआ?
उत्तर: कंपनी ने कर्मचारियों से दिवाली पार्टी के लिए अनिवार्य रूप से पैसे मांगे — ₹1200 प्रति कर्मचारी और ₹2000 प्रति टीम लीड।

प्र.2: क्या कर्मचारियों के लिए इसमें शामिल होना जरूरी था?
उत्तर: हां, मैसेज में स्पष्ट लिखा था कि सभी की उपस्थिति जरूरी है।

प्र.3: क्या ऐसा कदम कानूनी है?
उत्तर: अगर यह “अनिवार्य” है तो इसे दबावपूर्ण माना जा सकता है, लेकिन यह कंपनी की आंतरिक नीति पर निर्भर करता है।

प्र.4: लोगों की प्रतिक्रिया क्या रही?
उत्तर: ज्यादातर लोगों ने इसे गलत बताया और कहा कि त्योहार पर कंट्रीब्यूशन मांगना कर्मचारियों के साथ अन्याय है।

प्र.5: क्या कंपनी ने सफाई दी है?
उत्तर: नहीं, अब तक कंपनी की ओर से कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण नहीं आया है।

यूज़र कमेंट्स

विवाद किस वजह से हुआ? 09 October 2025

कंपनी ने कर्मचारियों से दिवाली पार्टी के लिए अनिवार्य रूप से पैसे मांगे — ₹1200 प्रति कर्मचारी और ₹2000 प्रति टीम लीड।

R
Ravi Singh 09 October 2025

अब ऑफिस में भी फेस्टिवल टैक्स देना पड़ेगा क्या? ये तो हद हो गई।

P
Pooja Verma 09 October 2025

अगर कंपनी पार्टी कराना चाहती है तो खर्च खुद करे, स्टाफ से क्यों वसूली?

M
Manish Gupta 09 October 2025

त्योहार मनाने का नाम पर कर्मचारियों को परेशान करना गलत है।

S
Sneha Kapoor 09 October 2025

ये अनिवार्य अटेंडेंस और कंट्रीब्यूशन दोनों बेतुके हैं। खुशी जबरदस्ती नहीं होती।

V
Vikas Patel 09 October 2025

बॉस को तो बोनस मिलता है, और हमसे पैसे मांगे जा रहे हैं — वाह रे ऑफिस कल्चर!

R
Rohit Mehra 09 October 2025

कंपनी में मनोबल बढ़ाने की जगह माहौल और खराब कर दिया गया।

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