भारत में हर त्योहार अपने साथ कोई न कोई परंपरा लेकर आता है। धनतेरस के दिन लोग सोना, बर्तन या नई चीजें खरीदते हैं ताकि पूरे साल घर में समृद्धि बनी रहे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कई घरों में इस दिन झाड़ू खरीदने की भी परंपरा होती है? सुनने में भले ही साधारण लगे, लेकिन इसके पीछे गहरा धार्मिक और प्रतीकात्मक महत्व छिपा है। आइए जानते हैं धनतेरस पर झाड़ू खरीदने की परंपरा का रहस्य और इसका महत्व।
धनतेरस पर झाड़ू खरीदने की परंपरा क्यों है?
पुरानी मान्यता है कि झाड़ू लक्ष्मी माता का प्रतीक माना जाता है। झाड़ू से घर की गंदगी और नकारात्मक ऊर्जा दोनों दूर होती हैं। इसलिए धनतेरस के दिन नई झाड़ू खरीदकर पुराने को बदलना शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इससे घर में माँ लक्ष्मी का आगमन होता है और दरिद्रता (गरीबी) का नाश होता है।
धनतेरस का दिन धन, समृद्धि और शुभता से जुड़ा हुआ है। इसलिए इस दिन जो भी वस्तु खरीदी जाती है, वह पूरे साल के लिए शुभ फल देती है। झाड़ू को स्वच्छता और सच्चाई का प्रतीक मानते हुए इसे खरीदना धनवृद्धि का संकेत माना जाता है।
धार्मिक मान्यता और पुराणों में उल्लेख
वास्तव में झाड़ू को “लक्ष्मी का वास” कहा गया है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, जिस घर में झाड़ू का सही सम्मान होता है, वहां माँ लक्ष्मी का वास होता है। झाड़ू को पैर से छूना या उस पर खड़ा होना अपशकुन माना जाता है। इसलिए धनतेरस के दिन इसे पूजा के साथ खरीदा और घर के मंदिर या मुख्य दरवाजे के पास रखा जाता है।
झाड़ू खरीदने का सही समय और तरीका
धनतेरस के दिन सुबह या संध्या समय शुभ मुहूर्त में झाड़ू खरीदी जाती है। कई लोग इसे लक्ष्मी पूजा से पहले घर में लाकर रखते हैं। ध्यान रहे कि झाड़ू हमेशा दक्षिण दिशा की ओर रखी जाए और पूजा के बाद ही उसका उपयोग शुरू करें।
झाड़ू खरीदने से जुड़ी मान्यताएं
आधुनिक दृष्टिकोण से
आज के समय में भी यह परंपरा केवल धार्मिक कारणों से नहीं, बल्कि स्वच्छता और सकारात्मक सोच के प्रतीक के रूप में निभाई जाती है। घर की सफाई और नया झाड़ू एक तरह से “नई शुरुआत” का संकेत देती है। यह हमें याद दिलाती है कि समृद्धि केवल धन से नहीं, बल्कि स्वच्छता और सकारात्मकता से भी आती है।
FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्न 1: धनतेरस पर झाड़ू क्यों खरीदी जाती है?
उत्तर: यह मान्यता है कि झाड़ू से दरिद्रता और नकारात्मकता दूर होती है, इसलिए इसे शुभ माना गया है।
प्रश्न 2: झाड़ू कब खरीदनी चाहिए?
उत्तर: धनतेरस के दिन सुबह या शाम के शुभ मुहूर्त में झाड़ू खरीदना उत्तम होता है।
प्रश्न 3: पुरानी झाड़ू का क्या करना चाहिए?
उत्तर: पुरानी झाड़ू को उसी दिन सम्मानपूर्वक घर से बाहर निकाल देना चाहिए।
प्रश्न 4: क्या झाड़ू पर पैर रखना अशुभ होता है?
उत्तर: हां, इसे लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है, इसलिए झाड़ू पर पैर रखना या उसे फेंकना अशुभ माना गया है।
यूज़र कमेंट्स
हमारे यहां हर साल धनतेरस पर दादी नई झाड़ू जरूर खरीदती हैं। वो कहती हैं इससे घर में बरकत बनी रहती है।
हम लोग झाड़ू को घर के मंदिर में रखकर लक्ष्मी पूजा के बाद ही इस्तेमाल करते हैं। सच में घर में सकारात्मकता महसूस होती है।
मैं पहले मज़ाक में झाड़ू खरीदता था, पर पिछले साल से महसूस किया कि सफाई के साथ नया साल जैसे अच्छे से शुरू होता है।
हमारे गांव में महिलाएं धनतेरस की सुबह झाड़ू से घर की सफाई करती हैं और फिर नई झाड़ू लाकर पूजा करती हैं। बहुत सुंदर परंपरा है।
मैंने पहली बार पिछले साल झाड़ू खरीदी थी, और उस साल बिजनेस में काफी अच्छा ग्रोथ हुआ। अब हर साल यह परंपरा निभाऊंगा।