नई दिल्ली: भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर जो संदेह अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जताया था, अब दुनिया की बड़ी टेक कंपनियां इसे मजबूती से मान रही हैं। एप्पल और गूगल के बाद अब मेटा भी भारत में भारी निवेश करने जा रही है।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, मेटा ने भारत में 5 मिलियन डॉलर (करीब 44 करोड़ रुपये) की डील फाइनल की है। मेटा फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसी लोकप्रिय सोशल मीडिया कंपनियों की मालिक है।
मेटा का प्लान: वाटरवर्थ केबल प्रोजेक्ट
मेटा भारत में वाटरवर्थ (Waterworth) नाम का एक बड़ा अंडरसी केबल प्रोजेक्ट शुरू कर रही है।
यह अरबों डॉलर का प्रोजेक्ट है।मुंबई और विशाखापत्तनम को लैंडिंग साइट्स के तौर पर चुना गया है।
मेटा ने सिफी टेक्नोलॉजीज (Sify Technologies) को लैंडिंग पार्टनर बनाया है।
गूगल भी अपने 400 मिलियन डॉलर के 'ब्लू-रमन' सबसी केबल के लिए सिफी टेक्नोलॉजीज के साथ साझेदारी कर रहा है।
डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में बढ़ती दिलचस्पी
मेटा और गूगल जैसी कंपनियों का निवेश यह दर्शाता है कि भारत डिजिटल कनेक्टिविटी के लिए एक महत्वपूर्ण हब बनता जा रहा है।
पिछले तीन सालों में भारत में सबसी केबल नेटवर्क की क्षमता बहुत बढ़ी है।रिलायंस जियो और भारती एयरटेल जैसी भारतीय कंपनियां भी इस क्षेत्र में भारी निवेश कर रही हैं।
इसका उद्देश्य भारत में बढ़ती डेटा की मांग को पूरा करना है।
मेटा का अनुमानित निवेश
कैलिफोर्निया की कंपनी ओपनकेबल्स इंक के फाउंडर सुनील टैगारे का कहना है कि:
अगले 5-10 सालों में मेटा का यह प्रोजेक्ट करीब 10 अरब डॉलर का निवेश हो सकता है।केवल केबल बिछाने का खर्च: 2 अरब डॉलर
1 पेटाबिट प्रति सेकंड (Pbps) क्षमता वाले इक्विपमेंट: 2 अरब डॉलर
भारत में AI डेटा सेंटर बनाने/लीज करने के लिए: 6 अरब डॉलर
वाटरवर्थ केबल सिस्टम की खासियत
लंबाई: 50,000 किलोमीटर से अधिकयह अमेरिका, भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका को जोड़ेगा।
केबल का मार्ग 'W' आकार में होगा, जिससे लाल सागर के खतरनाक हिस्सों से बचा जा सके।
हाल ही में लाल सागर में जहाजों पर हमलों के कारण केबल को नुकसान पहुंचा था।
इस केबल के साल भर में जमीन पर उतरने की उम्मीद है।
भारत को फायदा
सुनील टैगारे का कहना है कि यह प्रोजेक्ट:
भारत को एआई और डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए ग्लोबल हब बना सकता है।मेटा शायद डेटा लोकलाइजेशन पर भी ध्यान दे रहा है, क्योंकि भारत में डेटा नियम बदल रहे हैं।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1: वाटरवर्थ केबल प्रोजेक्ट क्या है?
A: यह मेटा का अरबों डॉलर का अंडरसी केबल प्रोजेक्ट है, जो अमेरिका, भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका को जोड़ेगा।
Q2: भारत में मेटा कितना निवेश कर रही है?
A: प्रारंभिक डील 5 मिलियन डॉलर की है, लेकिन अगले 5-10 सालों में कुल निवेश 10 अरब डॉलर तक हो सकता है।
Q3: मेटा के भारत निवेश से क्या फायदा होगा?
A: यह भारत को AI और डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर का ग्लोबल हब बनाने में मदद करेगा और डेटा लोकलाइजेशन को बढ़ावा देगा।
Q4: प्रोजेक्ट का प्रमुख मार्ग कौन सा होगा?
A: केबल 'W' आकार में बिछाई जाएगी ताकि लाल सागर के खतरनाक हिस्सों से बचा जा सके।